मेरे सपनों का भारत , काश ! तीन सौ वर्ष पूर्व की गंगा सा पावन, निर्मल होता! मेरे सपनों का भारत , काश ! तीन सौ वर्ष पूर्व की गंगा सा पावन, निर्मल होता!
रिश्तों की अजनबीयत... रिश्तों की अजनबीयत...
अवसरों को टोहता अपनापन... अवसरों को टोहता अपनापन...
तभी अचानक कानों में पड़ा सुनाई लड़के कभी रोते नहीं जीवन के संग्राम में कभी कमजोर होत तभी अचानक कानों में पड़ा सुनाई लड़के कभी रोते नहीं जीवन के संग्राम में ...
जब संघर्ष करता है नर, पर्वत के जाते पांव उखड़। सूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं जब संघर्ष करता है नर, पर्वत के जाते पांव उखड़। सूरमा नहीं विचलित होते, ...
बच्चे व बूढ़े में कोई अन्तर नहीं । जिद्द करना ,उल्टे सीधे काम करना , यही कुदरत का न बच्चे व बूढ़े में कोई अन्तर नहीं । जिद्द करना ,उल्टे सीधे काम करना , य...